vritant
Monday, December 19, 2011
न जाने कितनो से परिचय हुआ
न जाने किस किस से मुलाकात हुई
बहुत से लोग मिले इस दरम्यान हमसे
बस मुझसे मेरी ही न बात हुई...
Wednesday, December 7, 2011
शुभारम्भ
ॐ से शुरू करके ॐ तक जाते हैं
ॐ को अपना बना के ॐ हो जाते हैं
ॐ को पा लेते हैं ॐ में खो जाते हैं
ॐ में खो के ओंकार हो जाते हैं .....
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