पहले कभी जब पिताजी डांटते थे तो लगता था कि..... वो मुझे प्यार नहीं करते.... अब वो नहीं डांटते,.... कुछ नहीं कहते,..... बात भी नहीं करते.......... सोचता हूँ..... तब प्यार नहीं करते थे या....... अब प्यार नहीं करते........
वो पूछते हैं हमसे ....... क्यों फिरते हो दर बदर ..... क्या तनख्वा में गुजारा नहीं होता....... हमने बड़े अदब से कहा.......... हो जाता हे गुजारा लेकिन.......... बस गुजारा ही होता हे..........